Satyarth Prakash - Fourth Chapter - Chautha Samullas - सत्यार्थ प्रकाश चतुरथ समुल्लास
Immoral Teachings by Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati is allegedly considered to be a social reformer. A person who gave good moral values to the society but the Satyarth Prakash given by Swamiji speaks otherwise.
Key Points
दयानन्द मठ दीनानगर से प्रकाशित तथा आचार्य प्रिटिंग प्रैस दयानन्द मठ गोहाना मार्ग रोहतक से मुद्रित के पृष्ठ 70 से 103 तक की कुछ झलक
- 1. 16 वर्ष की कन्या 25 वर्ष का वर यह विवाह समय निकृष्ट अर्थात् घटिया है। (ख) 20 वर्ष की स्त्री और 40वर्ष का पुरूष का योग काम चलाऊ अर्थात् मध्यम है। (ग) 24 वर्ष की स्त्री तथा 48 वर्ष के पुरूष का विवाह समय उत्तम है। महर्षि दयानन्द जी का भावार्थ है कि 24 वर्ष की स्त्री तथा 48 वर्ष के पुरूष का विवाह तथा उपरोक्त नियमों के अनुसार नहीं किया जाता वह देश खुशहाल नहीं हो सकता।
According to Swami Dayanand Saraswati marriage between a 16 year old girl and a 25 year old man is of inferior quality. Marriage between a 20 year old girl and a 40 year old man is of medium quality whereas marriage between a 24 year old girl and a 48 year old is of utmost quality. According to him a country where this is not followed, that country can never prosper.
- 2. जिस कुल में किसी के बवासीर, मिर्गी, क्षय, दमा, खांसी आदि रोग है, तथा किसी के शरीर पर बड़े-बड़े बाल है उस पूरे कुल की लड़की व लड़के से विवाह नहीं करना चाहिए।
According to Swami Dayanand Saraswati one should not marry a boy or a girl from a sept which has diseases like piles, epilepsy, tuberculosis, asthma, cough etc. and those with big hair on their body.
- 3. जिस लड़की का नाम गंगा, जमुना, सरस्वती, आदि नदियों पर है तथा काली नाम तथा भूरे नेत्रों वाली हो उससे विवाह न करना चाहिए (सौंण व कुसौंण का भी पूरा ध्यान रखा है) जिस लड़की की चाल हथनी व हंस जैसी हो तथा नाम यशोदा आदि हो उससे विवाह करें।
According to Swami Dayanand Saraswati one should not marry a girl whose name is derived from rivers like Ganga, Yamuna, Saraswati etc. or is called Kali, or has brown eyes. One should marry such a girl which has a gait like a female elephant or a swan and has name like Yashodha etc.
- 4. सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास 4 पृष्ट 102 पर यह भी लिखा है कि जिस स्त्री का पति जीवित है वह दूर देश में रोजगार के लिए गया हो तो उसकी स्त्री तीन वर्ष तक बाट (प्रतिक्षा) देखकर किसी अन्य पुरूष से संतान उत्पत्ति नियोग कुकर्म से करले, जब पति घर आये तो नियोग किए पति को त्याग दे तथा उस गैर संतान का गोत्र भी विवाहित पति वाला ही माना जाएगा।
Swami Dayanand Saraswati says in Satyarth Prakash, samullas 4 on page 102 that a woman whose husband is alive and has gone abroad due to purposes of work, then that woman after waiting for three years can produce a child from some other man. Then on return of the real husband that woman should renounce the temporary husband and go back to her real husband. Along with that the children produced from the temporary husband will share the same family name as that of the real husband.
- 5. जिस पुरूष की पत्नी अप्रिय बोलने वाली हो तो उस पुरूष को चाहिए कि किसी अन्य स्त्री से केवल नियोग करके संतान उत्पति करले तथा रहे अपनी पत्नी के साथ ही। इसी प्रकार जो पुरूष अत्यन्त दुःखदायक हो तो उसकी स्त्री भी दूसरे पुरूष से नियोग से संतान उत्पति करके उसी विवाहित पति के दायभागी संतान कर लेवे।
According to Swami Dayanand Saraswati, a man whose wife has a quarrelsome nature should produce children from some other woman but should continue to reside with his actual wife. Likewise if a husband of a woman is quarrelsome then she should produce children from some other man.
- 6. यदि किसी की स्त्री को आठ वर्ष तक संतान न हो तो वह पुरूष किसी अन्य स्त्री से नियोग (दुष्कर्म)करके संतान उत्पन्न कर ले। उस संतान को अपने घर ल आवे। जिसकी पत्नी से कन्या उत्पन्न होती हो लड़का उत्पन्न न होता हो तो वह पुरूष अन्य स्त्री से नियोग करके लड़का उत्पन्न करके घर ले आवे।
According to Swami Dayanand Saraswati, if a woman is unable to produce an offspring following eight years of marriage, then that woman's husband should produce children from some other woman and bring them home. If a woman is unable to produce a boy and is only producing daughters then that woman's husband should produce a boy from some other woman and then bring him home.
- 7. पृष्ठ 103 पर लिखा है:- स्त्री के गर्भ रहने के पश्चात् एक वर्ष तक स्त्री पुरूष मिलन नहीं करें। यदि पुरूष से न रहा जाए तो किसी विधवा स्त्री से नियोग (पशु तुल्य कर्म) करके संतान उत्पति कर दें।
Swami Dayanand Saraswati says in Satyarth Prakash, on page 103 that once a wife becomes pregnant, husband and wife should not have sex. If the husband is unable to resist then he should have sex with some widow and produce children.